सोमवार, फ़रवरी 20, 2012

शिवरात्रि महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

रविवार, फ़रवरी 12, 2012

हिमाचल के दामाद बनेंगे जॉन अब्राहम

जिस्म फिल्म से बालीवुड में अपने कैरियर की शुरूआत करने वाले सुपर मॉडल एवं अभिनेता जॉन अब्राहम हिमाचली बाला पर फिदा हो गए हैं। दिलचस्प तो यह है कि पिछले दिनों जॉन की मैकलोडगंज निवासी प्रिया से सगाई भी हो गई और किसी को कानों-कान खबर तक नहीं हुई। बिंदास बालीवुड अभिनेत्री बिपाशा बसु के साथ दोस्ती को लेकर सुर्खियों में रहे जॉन इतनी सादगी से हिमाचल के दामाद हो जाएंगे, इस बात का यकीन नहीं होता। लेकिन जनाब! यह सच है। जॉन अब्राहम का रिश्ता मैकलोडगंज के एक रसूखदार परिवार से जुड़ चुका  है। मुंबई में सगाई के बाद पिछले वर्ष जॉन दो दिनों के लिए मैकलोडगंज आए और चुपके से मुंबई रवाना हो गए। सूत्रों की मानें तो आगामी अप्रैल माह तक जॉन और दिव्या की सुपर जोड़ी परिणय सूत्र में बंधने के बाद दुनिया के सामने आएगी। पता चला है कि विवाह समारोह को लेकर निमंत्रण पत्र छपवाने की भी तैयारी हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक यहां के रसूखदार रंचल परिवार की लाडली प्रिया रंचल मुंबई में इन्वेस्टमेंट बैंकर  हैं। बताया जा रहा है कि जॉन और प्रिया की मुलाकात मुंबई में ही हुई। मायानगरी में ही दोनों का प्यार परवान चढ़ा और बात सगाई तक पहुंच गई। दिव्या के दादा १०१ वर्षीय बुजूर्ग बूटा राम रंचल दलाई लामा के सबसे पुराने मित्रों में एक हैं। अप्रैल माह में वह १०२ वर्ष के हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि विवाह के बाद यह जोड़ी उनका और दलाई लामा का आशीर्वाद लेने के लिए मैकलोडगंज आएगी।

शुक्रवार, फ़रवरी 10, 2012

आखिर खींच लाई दोस्ती की डोर....





विश्व स्तर पर मानवाधिकारों के प्रबल समर्थक एवं नोबेल पुरस्कार विजेता डेसमंड टुटू को आखिर दोस्ती की कच्ची डोर भारत खींच ही लाई। शुक्रवार को मैकलोडगंज की सरजमीं दो नोबेल हस्तियों की मौजूदगी की गवाह बनी और दोस्ती की मिसाल फिर कायम हो गई। चीन के कथित हस्तक्षेप ने विश्व की इन दो हस्तियों को मिलने से लाख रोक लिया मगर मानवता का भविष्य तय करने वाले समाज के इन सेवकों को सरहदों ने रास्ता दे ही दिया। दोस्ती सच्ची थी और धागे और मजबूत हो गए। शांति के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा से दोस्ती का वादा निभाने आखिरकार ८१ वर्षीय डेसमंड टूटु सरहदें लांघकर धर्मशाला पहुंच ही गए। तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु की ओर से कई मर्तबा रिपब्लिक आफ साउथ अफ्रीका को वीजा के लिए आग्रह किया गया, लेकिन सरकार ने यहां तक केपटाऊन की अदालत ने भी अपना फरमान सुना दिया। साऊथ अफ्रीका बेशक दलाई लामा की वीजा रोकने के पीछे वजहों को तकनीकी मानता हो मगर यह जाहिर है कि चीन के साथ साऊथ अफ्रीका के बढ़ते व्यापारिक संबंधों ने दलाई लामा को वहां जाने से रोक दिया। दलाई लामा गत ८ अक्तूबर को डेसमंड टूटु के जन्मदिवस पर उनसे मिलना चाहते थे। वीजा अनुमति न मिलने से दोनों दोस्तों के दिल टूटे और दलाई लामा ने यहां तक कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन वह अपनी वजह से किसी को तकलीफ नहीं देना चाहते। साऊथ अफ्रीका के पहले ब्लैक आर्कबिशप के रूप में पहचाने जाने वाले डेसमंड टुटू को १९८४ में नोबल पुरस्कार मिला जबकि दलाई लामा को चौदहवें दलाई लामा तेंजिन ग्यात्सो को १९८९ में इस सर्वोच्च पुरस्कार से नवाजा गया। माना जाता है कि दोनों की दोस्ती १९९० के बाद परवान चढ़ी। मैकलोडगंज में दोनो ही नोबल हस्तिायां जब मिलीं तो एक पल के लिए डेसमंड और दलाई लामा भावुक हो उठे।